Very Short Story in Hindi For Kid

इस लेख में हमने तीन जबजस्त कहानियाँ लिखी हैं जो बच्चों को सुनने में बहुत अच्छा लगेगा और साथ ही हमे इन तीनो कहानियों से बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। आज कल के बच्चे कुछ पढ़ने से ज्यादा गलत वीडियो देखने लगते हैं सोशल मीडिया पर उससे बेहतर है आप उन्हें ये कहानियाँ पढ़ने को उत्प्रेरित करें और खुद भी पढ़ कर सुनाये अपने बच्चो को।

Very Short Story in Hindi For Kids

 

Very Short Story in Hindi

चालाक लोमड़ी और बेवकूफ़ बगुला 

एक घने जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी। वह बहुत ही शातिर थी और अपने दोस्तों को अक्सर धोखा देती थी। एक दिन उसने सोचा कि क्यों न अपने पुराने दोस्त बगुला को भी मूर्ख बनाया जाए।

लोमड़ी ने बगुला को खाने पर आमंत्रित किया और कहा, मित्र आज मेरे घर आओ, मैं तुम्हारे लिए स्वादिष्ट खाना बनाऊंगी।

बगुला खुश हो गया और तय समय पर लोमड़ी के घर पहुंच गया। लोमड़ी ने खाने के लिए गर्म सूप बनाया था, लेकिन उसने सूप को एक चौड़े और चपटे बर्तन में परोसा। बगुला की लंबी चोंच थी, इसलिए वह उस बर्तन से सूप नहीं पी पा रहा था। जबकि लोमड़ी ने मजे से सारा सूप चट कर लिया।

बगुला समझ गया कि लोमड़ी ने उसे धोखा देने के लिए यह चाल चली थी। वह शांत रहा और कुछ नहीं बोला। उसने लोमड़ी को धन्यवाद दिया और वापस चला गया, लेकिन उसके दिमाग में एक योजना आ चुकी थी।

अगले दिन बगुला ने लोमड़ी को अपने घर खाने पर बुलाया। लोमड़ी को लगा कि बगुला अब भी उससे नाराज नहीं है, इसलिए वह खुशी-खुशी उसके घर चली गई।

जब लोमड़ी बगुला के घर पहुंची, तो बगुला ने भी सूप बनाया था। लेकिन इस बार, बगुला ने सूप को एक लंबी और पतली गर्दन वाले बर्तन में परोसा, जिसमें से केवल बगुला ही अपनी चोंच डालकर सूप पी सकता था। लोमड़ी ने अपने पंजे और मुँह से कोशिश की, लेकिन वह सूप तक नहीं पहुंच पाई।

अब लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने बगुला से माफी मांगी और वादा किया कि वह कभी भी किसी को धोखा नहीं देगी। बगुला ने उसे माफ कर दिया और दोनों ने मिलकर हंसी-खुशी सूप का आनंद लिया।

शिक्षा:

दूसरों के साथ जैसा व्यवहार आप करेंगे, वैसा ही व्यवहार आपको भी मिलेगा। इसलिए हमेशा सभी के साथ अच्छा बर्ताव करना चाहिए।

 

बिल्लू और उसकी नई साइकिल

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में बिल्लू नाम का एक लड़का रहता था। बिल्लू बहुत ही होशियार और मेहनती था। उसे अपने दोस्तों के साथ खेलना बहुत पसंद था, लेकिन उसके पास एक समस्या थी। गाँव में उसके सभी दोस्तों के पास साइकिल थी, पर बिल्लू के पास नहीं थी।

बिल्लू को साइकिल चलाने का बहुत शौक था। वह रोज़ अपने दोस्तों को साइकिल चलाते हुए देखता और मन ही मन सोचता, “काश! मेरे पास भी एक साइकिल होती।”

एक दिन, बिल्लू ने अपनी माँ से कहा, माँ, क्या आप मुझे एक साइकिल दिला सकती हैं ?

माँ ने बिल्लू से कहा, बेटा, साइकिल खरीदने के लिए पैसे चाहिए होते हैं। अगर तुम थोड़ी मेहनत करोगे और अपनी पढ़ाई में और भी अच्छा करोगे, तो मैं तुम्हारे लिए साइकिल खरीदने के बारे में सोचूंगी।

बिल्लू ने माँ की बात मानी और अपनी पढ़ाई में बहुत मेहनत की। वह रोज़ सुबह उठकर स्कूल जाता, ध्यान से पढ़ाई करता और शाम को आकर अपना होमवर्क भी करता। धीरे-धीरे बिल्लू की मेहनत रंग लाई। उसके स्कूल में उसकी प्रशंसा होने लगी और उसके नंबर भी अच्छे आने लगे।

कुछ महीनों बाद, जब बिल्लू का जन्मदिन आया, तो उसकी माँ ने उसे एक बड़ा सा तोहफ़ा दिया। जब बिल्लू ने तोहफ़ा खोला, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह तोहफ़ा कोई और नहीं, बल्कि एक नई चमचमाती साइकिल थी।

बिल्लू की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने तुरंत अपनी साइकिल निकाली और पूरे गाँव में घूमने लगा। अब वह भी अपने दोस्तों के साथ साइकिल चलाने लगा।

उस दिन बिल्लू ने सीखा कि मेहनत और धैर्य से हर चीज़ हासिल की जा सकती है।

और इस तरह बिल्लू और उसकी साइकिल की कहानी पूरे गाँव में मशहूर हो गई। सभी बच्चे बिल्लू से प्रेरणा लेकर मेहनत करने लगे।

सीख: मेहनत और धैर्य से हर सपना पूरा हो सकता है।

Very Short Story in Hindi For Kids With Moral

Very Short Story in Hindi For Kids With Moral

हाथी और चूहा एकदम जबजस्त कहानी 

बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक बड़ा हाथी और एक छोटा चूहा रहता था। हाथी बहुत शक्तिशाली था और उसका शरीर विशाल था। उसकी एक गर्वीली आदत थी कि वह खुद को सबसे बड़ा और सबसे ताकतवर मानता था। जब भी वह जंगल में घूमता, तो वह अपनी भारी आवाज़ में जोर से चिल्लाता, जिससे बाकी जानवर डरकर इधर-उधर भाग जाते।

चूहा भी उसी जंगल में रहता था, लेकिन वह बहुत छोटा और कमजोर था। एक दिन, जब हाथी जंगल में घूम रहा था, उसने अचानक चूहे को देखा और हंसते हुए बोला, तुम्हारी क्या औकात है, नन्हें चूहे? तुम तो एक तिनके जितने हो। मेरी तो एक सांस से ही तुम उड़ जाओगे।

चूहा हाथी की बात सुनकर दुखी हो गया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। वह समझ गया कि हाथी को उसकी ताकत पर घमंड है। फिर भी चूहे ने ठान लिया कि एक दिन वह हाथी को उसकी असली ताकत का एहसास कराएगा।

कुछ दिनों बाद, जंगल में एक बड़ा तूफान आया। तूफान के कारण हाथी के रहने वाले इलाके में एक बड़ा पेड़ गिर गया और हाथी उसी पेड़ के नीचे दब गया। उसने बहुत कोशिश की, लेकिन वह पेड़ के भारी तने से खुद को नहीं छुड़ा सका। हाथी जोर-जोर से चिल्लाने लगा, लेकिन कोई भी जानवर उसकी मदद करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

तभी चूहा वहां आया। उसने हाथी की हालत देखी और बोला, क्या हुआ, महान हाथी? तुम तो इतने ताकतवर हो, फिर इस पेड़ के तने के नीचे क्यों फंसे हो ?

हाथी ने दुखी होकर कहा, मुझे माफ कर दो, चूहे। मैंने तुम्हारी ताकत का मज़ाक उड़ाया था, लेकिन अब मुझे समझ में आ गया है कि हर किसी की अपनी ताकत होती है। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो ?

चूहा मुस्कुराया और बिना देर किए उसने पेड़ के तने के नीचे एक छोटा सा सुराख बनाना शुरू कर दिया। उसकी छोटी सी परिश्रम और मेहनत से कुछ ही देर में हाथी का पैर बाहर आ गया। हाथी खुश होकर बाहर निकला और उसने चूहे को धन्यवाद दिया।

अब हाथी को समझ आ गया था कि ताकत सिर्फ शारीरिक नहीं होती, बल्कि बुद्धि और मेहनत भी बहुत मायने रखते हैं। उसने चूहे से दोस्ती कर ली और दोनों साथ मिलकर जंगल में घूमने लगे। हाथी ने अपने घमंड को त्याग दिया और हमेशा दूसरों की मदद करने की ठान ली।

इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि घमंड किसी भी चीज़ का नहीं करना चाहिए और हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए, चाहे वे छोटे हों या बड़े।

 

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