इस लेख में Top 10 Moral Stories दीं गई हैं, प्रत्येक कहानियाँ बहुत ही रोचक हैं तथा हमारे जीवन में बहुत कुछ सिखाती हैं, अगर हम इन सभी कहानियों को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा इसके द्वारा दी गई सिख को हम अपने जीवन में समाहित करें तो हमारे जीवन में बहुत बड़े सकरात्मक बदलाव हो सकते हैं। निचे दी गई 10 नैतिक कहानियों को खुद पढ़े और साथ ही अपने छोटे भाई-बहन को भी पढ़ के सुनाएँ।
Top 10 Moral Stories in Hindi
1. ईमानदारी
का इनाम
एक गाँव में एक गरीब
लकड़हारा रहता था। वह
ईमानदार और मेहनती था।
रोज़ सुबह–सुबह उठकर
वह जंगल जाता और
लकड़ियाँ काटकर अपनी जीविका चलाता था।
एक दिन, वह नदी
के किनारे लकड़ी काट रहा था
कि अचानक उसकी कुल्हाड़ी हाथ
से फिसल गई और
सीधे नदी में गिर
गई। लकड़हारा परेशान हो गया, क्योंकि
वह उसकी एकमात्र रोज़ी–रोटी का साधन
था।
वह नदी के किनारे
बैठकर रोने लगा और
भगवान से प्रार्थना करने
लगा। तभी जल देवी
प्रकट हुईं और उन्होंने
लकड़हारे से पूछा, “तुम
क्यों रो रहे हो ? लकड़हारे ने अपनी समस्या
देवी को बताई। जल
देवी ने उसकी मदद
करने का निश्चय किया।
उन्होंने नदी में गोता
लगाया और सोने की
एक चमचमाती कुल्हाड़ी लेकर ऊपर आईं। क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी
है ? देवी ने पूछा।
लकड़हारे
ने ईमानदारी से जवाब दिया,
“नहीं, यह मेरी कुल्हाड़ी
नहीं है। तब देवी ने
फिर से नदी में
गोता लगाया और इस बार
चांदी की कुल्हाड़ी लेकर
आईं। उन्होंने वही प्रश्न फिर
से पूछा, “क्या यह तुम्हारी
कुल्हाड़ी है ? लकड़हारे ने फिर से
मना किया, नहीं, यह भी मेरी
कुल्हाड़ी नहीं है।
अंत
में, देवी ने उसकी
लोहे की कुल्हाड़ी निकालकर
दिखाई। लकड़हारा उसे देखकर बहुत
खुश हुआ और बोला, हाँ यह मेरी कुल्हाड़ी
है। उसकी ईमानदारी से
प्रभावित होकर जल देवी
ने उसे तीनों कुल्हाड़ियाँ
दे दीं। लकड़हारा बहुत
प्रसन्न हुआ और उसने
देवी का धन्यवाद किया।
वह अपने घर लौट
गया और अपनी ईमानदारी
के लिए गाँव में
प्रसिद्ध हो गया।
शिक्षा:
ईमानदारी का फल हमेशा
मीठा होता है।
2. सच्ची
मित्रता
एक बार की बात
है, दो मित्र थे
– राम और श्याम। वे
बचपन से ही गहरे
दोस्त थे और एक–दूसरे के सुख–दुख
में साथ रहते थे।
एक दिन, उन्होंने जंगल
की सैर पर जाने
का निर्णय लिया। दोनों बड़े उत्साह के
साथ जंगल की ओर
निकल पड़े।
जंगल
में कुछ दूर चलने
के बाद, अचानक उनके
सामने एक बड़ा भालू
आ गया। भालू को
देखकर दोनों मित्र घबरा गए। राम
को पेड़ पर चढ़ना
आता था, इसलिए वह
तुरंत एक पेड़ पर
चढ़ गया और सुरक्षित
हो गया। लेकिन श्याम
को पेड़ पर चढ़ना
नहीं आता था। उसने
जल्दी से सोचा कि
अब उसे क्या करना
चाहिए।
श्याम
ने सुना था कि
भालू मरे हुए लोगों
पर हमला नहीं करते।
इसलिए, उसने तुरंत जमीन
पर लेटकर अपनी सांस रोक
ली और मरने का
नाटक करने लगा। भालू
उसके पास आया और
उसे सूँघने लगा। भालू ने
देखा कि श्याम साँस
नहीं ले रहा है,
तो उसे मरा हुआ
समझकर वहां से चला
गया।
जब भालू चला गया,
तो राम पेड़ से
नीचे उतरा। उसने श्याम से
हँसते हुए पूछा, भालू
ने तुम्हारे कान में क्या
कहा ? श्याम ने गंभीर होकर
जवाब दिया, भालू ने मुझे
यह सिखाया कि सच्चा मित्र
वही होता है जो
मुश्किल समय में साथ
खड़ा रहे, न कि
मुसीबत से भागे।
राम
को अपनी गलती का
एहसास हुआ और उसने
श्याम से माफी मांगी।
इसके बाद दोनों ने
एक–दूसरे से वादा किया
कि वे सच्चे दोस्त
बनकर हमेशा साथ रहेंगे और
एक–दूसरे का साथ कभी
नहीं छोड़ेंगे।
शिक्षा:
सच्चा मित्र वही है जो
मुश्किल समय में साथ
खड़ा रहे।
Top 10 Moral Stories in Hindi – नैतिक कहानियाँ
3. बुद्धिमान
कबूतर
किसी
गाँव में एक विशाल
पेड़ था। उस पेड़
पर कई कबूतरों का
झुंड रहता था। एक
दिन, एक शिकारी वहाँ
आया और उसने पेड़
के नीचे जाल बिछा
दिया। जाल में मक्का
और अन्य अनाज के
दाने बिखेर दिए। जब कबूतरों
का झुंड अनाज के
दाने देखने आया, तो सभी
कबूतर दाने चुगने लगे
और जाल में फंस
गए।
कबूतरों
का मुखिया बहुत बुद्धिमान था।
उसने अपनी बुद्धिमानी से
सोचा कि अगर वे
सभी मिलकर एक साथ उड़ने
की कोशिश करें, तो वे जाल
को तोड़ सकते हैं।
उसने अपने साथियों से
कहा, डरो मत। अगर
हम एकजुट होकर उड़ें, तो
हम इस जाल से
बाहर निकल सकते हैं।
सभी
कबूतरों ने मुखिया की
बात मानी और एक
साथ उड़ने की कोशिश की।
सभी कबूतरों ने मिलकर जोर
से पंख फड़फड़ाए और
जाल को उठाकर आकाश
में उड़ गए। शिकारी
यह देखकर हैरान रह गया और
उन्हें पकड़ने में असमर्थ रहा।
कबूतरों
का झुंड उड़ता हुआ
एक मित्र चूहे के पास
गया। चूहा कबूतरों का
पुराना मित्र था। उसने बिना
समय गँवाए अपने नुकीले दाँतों
से जाल को काट
दिया और सभी कबूतरों
को आजाद कर दिया।
शिक्षा:
एकता में शक्ति होती
है।
4. लोभ
का अंत
किसी
गाँव में एक किसान
रहता था। उसके पास
एक मुर्गी थी जो रोज़
सोने का अंडा देती
थी। किसान उस अंडे को
बेचकर अच्छा पैसा कमाता था।
लेकिन धीरे–धीरे उसकी
लालच बढ़ने लगी। उसने सोचा
कि अगर मुर्गी रोज़
सोने का अंडा देती
है, तो उसके पेट
में और भी सोने
के अंडे होंगे।
एक दिन, किसान ने
लोभ के वश में
आकर मुर्गी का पेट चीर
दिया ताकि वह एक
ही बार में सारे
अंडे निकाल सके। लेकिन जब
उसने मुर्गी का पेट चीर
कर देखा, तो उसमें कुछ
भी नहीं मिला। मुर्गी
मर चुकी थी और
अब उसे कोई सोने
का अंडा नहीं मिलने
वाला था। किसान बहुत
पछताया, लेकिन अब कुछ नहीं
हो सकता था।
शिक्षा:
लोभ का अंत हमेशा
बुरा होता है।
5. दूसरों
की मदद करना
एक बार एक जंगल
में एक शेर बहुत
गहरी नींद में सो
रहा था। अचानक, एक
छोटा चूहा उसके ऊपर
चढ़ गया और शेर
जाग गया। शेर ने
चूहे को पकड़ लिया
और उसे मारने की
धमकी दी। चूहा बहुत
डरा और शेर से
माफी मांगते हुए कहा, मुझे
जाने दो। मैं छोटा
और कमजोर हूँ, लेकिन एक
दिन मैं आपकी मदद
कर सकता हूँ।
शेर
को चूहे की बात
पर हँसी आई, लेकिन
उसने उसे छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद, शेर एक
शिकारी के जाल में
फंस गया। वह जितना
भी जोर लगाता, वह
जाल से बाहर नहीं
निकल पा रहा था।
तभी वह चूहा वहाँ
से गुजरा और उसने शेर
की मदद करने का
निश्चय किया। चूहे ने अपने
नुकीले दाँतों से जाल को
काट दिया और शेर
को आज़ाद कर दिया।
शेर
को अपनी भूल का
एहसास हुआ और उसने
चूहे का धन्यवाद किया।
उसने समझा कि दूसरों
की मदद करना कितना
महत्वपूर्ण होता है, चाहे
वह व्यक्ति कितना भी छोटा क्यों
न हो।
शिक्षा:
कभी भी किसी को
छोटा न समझें। दूसरों
की मदद करना सदैव
अच्छा होता है।
Best Moral Stories For Kids in Hindi
6. झूठ
बोलने का परिणाम
एक गाँव में एक
छोटा लड़का था, जिसका नाम
मोहन था। मोहन बहुत
शरारती था और हमेशा
झूठ बोलता था। एक दिन,
उसने गाँव वालों को
मज़ाक में कहा कि
गाँव के पास जंगल
से एक भेड़िया आ
गया है और वह
उसकी भेड़ों को खा रहा
है। गाँव वाले भागते
हुए वहाँ पहुँचे, लेकिन
उन्होंने देखा कि कोई
भेड़िया नहीं है। वे
समझ गए कि मोहन
ने उनसे झूठ कहा
था और नाराज़ होकर
वापस लौट गए।
अगले
दिन, मोहन ने फिर
से यही झूठ बोला
और गाँव वाले फिर
से दौड़कर आए। जब उन्हें
फिर से कोई भेड़िया
नहीं मिला, तो वे बहुत
गुस्से में थे। उन्होंने
मोहन को डांटा और
उसे चेतावनी दी कि वह
फिर से झूठ न
बोले।
कुछ
दिनों बाद, सचमुच एक
भेड़िया आया और मोहन
की भेड़ों पर हमला कर
दिया। मोहन ने मदद
के लिए चिल्लाना शुरू
किया, भेड़िया आया! भेड़िया आया, लेकिन इस बार गाँव
वालों ने सोचा कि
मोहन फिर से झूठ
बोल रहा है और
कोई भी उसकी मदद
के लिए नहीं आया।
भेड़िए ने मोहन की
सारी भेड़ों को मार डाला।
मोहन
को अपनी गलती का
एहसास हुआ, लेकिन तब
तक बहुत देर हो
चुकी थी। उसने समझा
कि झूठ बोलने से
लोग उस पर विश्वास
करना बंद कर देते
हैं।
शिक्षा:
झूठ बोलने का परिणाम हमेशा
बुरा होता है।
7. स्वार्थ
का नतीजा
एक समय की बात
है, दो बिल्लियाँ एक
रोटी के लिए झगड़
रही थीं। दोनों कह
रही थीं कि रोटी
उनकी है और वे
उसे खाना चाहती हैं।
वे किसी तरह आपस
में इस समस्या का
हल नहीं निकाल पा
रही थीं।
तभी
वहाँ एक चालाक बंदर
आ गया। उसने बिल्लियों
की समस्या सुनी और कहा,
मैं इस रोटी को
बराबर–बराबर बाँट देता हूँ। बिल्लियों ने सोचा कि
यह सही होगा और
वे मान गईं।
बंदर
ने रोटी को दो
हिस्सों में तोड़ दिया,
लेकिन एक हिस्सा बड़ा
और दूसरा छोटा निकला। बंदर
ने कहा, अरे, यह हिस्सा
बड़ा है। मैं इसे
थोड़ा कम कर देता
हूँ। उसने बड़े हिस्से
का एक छोटा टुकड़ा
खा लिया। लेकिन अब दूसरा हिस्सा
बड़ा हो गया। बंदर
ने फिर से कहा,
अरे, अब यह हिस्सा
बड़ा है। और उसने फिर
से दूसरे हिस्से का एक टुकड़ा
खा लिया।
ऐसा
करते–करते बंदर ने
पूरी रोटी खा ली
और बिल्लियाँ एक–दूसरे को
देखते रह गईं। उन्हें
अपनी मूर्खता और स्वार्थ का
एहसास हुआ, लेकिन तब
तक बहुत देर हो
चुकी थी।
शिक्षा:
स्वार्थ का नतीजा हमेशा
नुकसानदायक होता है।
Top 10 Moral Stories in Hindi With Picture
8. धैर्य
का महत्व
एक बार की बात
है, एक छोटे से
गाँव में एक किसान
रहता था। उसने अपने
खेत में एक बड़ा
आम का पेड़ लगाया।
किसान हर दिन पेड़
की देखभाल करता, उसे पानी देता,
और समय–समय पर
खाद डालता। लेकिन बहुत समय बीत
जाने के बाद भी
पेड़ में फल नहीं
आए।
किसान
निराश हो गया और
सोचने लगा कि पेड़
में फल कभी नहीं
आएंगे। उसने पेड़ को
काटने का निर्णय लिया।
लेकिन जब वह पेड़
को काटने के लिए कुल्हाड़ी
उठाने ही वाला था,
तभी उसका पड़ोसी वहाँ
आ गया। उसने किसान
से कहा, तुमने इतने समय तक
इस पेड़ की देखभाल
की है। थोड़ा और
धैर्य रखो, यह पेड़
तुम्हें जरूर फल देगा।
किसान
ने अपने पड़ोसी की
बात मानी और पेड़
को नहीं काटा। कुछ
समय बाद, पेड़ में
हरे–हरे आम आने
लगे। किसान बहुत खुश हुआ
और उसने अपने पड़ोसी
को धन्यवाद दिया।
शिक्षा:
धैर्य का फल मीठा
होता है।
9. परिश्रम
का फल
एक बार की बात
है, एक छोटे से
गाँव में रामू नाम
का एक किसान रहता
था। रामू बहुत आलसी
था और हमेशा काम
टालता रहता था। उसकी
पत्नी उसे हमेशा समझाती
थी कि आलस्य छोड़कर
मेहनत करो, लेकिन रामू
पर कोई असर नहीं
होता था।
एक दिन, गाँव में
अकाल पड़ गया। खाने
के लिए कुछ नहीं
था। सभी किसान मेहनत
कर रहे थे, लेकिन
रामू के पास खाने
के लिए कुछ नहीं
बचा था। वह परेशान
होकर बैठ गया और
सोचने लगा कि अगर
उसने पहले मेहनत की
होती, तो आज यह
दिन नहीं देखना पड़ता।
रामू
ने अपने आलस्य को
त्यागने का निश्चय किया।
उसने गाँव के दूसरे
किसानों से मदद माँगी
और उनसे सीखकर कड़ी
मेहनत शुरू कर दी।
धीरे–धीरे उसके खेतों
में फसल उगने लगी
और उसकी मेहनत रंग
लाई।
शिक्षा:
परिश्रम का फल हमेशा
मीठा होता है।
10. सच्चाई
की जीत
एक बार की बात
है, एक राजा के
दरबार में एक मंत्री
था जो हमेशा सच
बोलता था। राजा को
उसकी सच्चाई बहुत पसंद थी,
लेकिन दरबार के कुछ लोग
उसे पसंद नहीं करते
थे। वे उसकी सच्चाई
से जलते थे और
उसे नीचा दिखाना चाहते
थे।
एक दिन, राजा के
दरबार में एक मामला
आया। मामला बहुत पेचीदा था
और सबकी राय अलग–अलग थी। लेकिन
मंत्री ने अपनी सच्चाई
और बुद्धिमानी से मामले को
सुलझा दिया। राजा उसकी सच्चाई
और निडरता से प्रभावित हुआ
और उसे सम्मानित किया।
दरबार
के लोगों को अपनी गलती
का एहसास हुआ और उन्होंने
मंत्री से माफी मांगी।
मंत्री ने उन्हें माफ
कर दिया और सबको
सच्चाई की ताकत के
बारे में समझाया।
शिक्षा:
सच्चाई की हमेशा जीत
होती है।